देवस्थानम् बोर्डः कभी भी आ सकता है फैसला
सुनवाई करने वाली बेंच के मुखिया मुख्य न्यायमूर्ति 27 को रहे हैं रिटायर
नैनीताल हाईकोर्ट ने सुरक्षित कर रखा है फैसला
देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित देवस्थानम् बोर्ड पर नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला 27 जुलाई से पहले आ सकता है। इस मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और बेंच के मुखिया के साथ ही हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति रमेश रंगराजन 27 जुलाई को सेवा निवृत्त हो रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम समेत गढ़वाल के तमाम देवस्थलों को सरकारी नियंत्रण में लाने के लिए एक एक्ट के माध्यम से देवस्थानम् बोर्ड लागू किया है। इसमें कुमाऊं के भी दो मंदिर शामिल हैं। इसका पुरोहित समाज खासा विरोध कर रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुब्रहमण्यम स्वामी ने इसके बोर्ड गठन के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। मुख्य न्यायमूर्ति जस्टिस रमेश रंगराजन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस पर सुनवाई पूरी करके फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब मुख्य न्यायमूर्ति जस्टिस रमेश रंगराजन 27 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में यह माना जा रहा है कि सीजे अपनी पीठ के सुरक्षित फैसले को कभी भी सुना सकते हैं।
खंडपीठ का फैसला क्या होगा, यह तो आने वाले दिनों में ही सामने आएगा। लेकिन इस फैसले पर उत्तराखंड सरकार के साथ ही उन भाजपा नेताओं की भी निगाहें हैं, जिन्होंने अपने-अपने अंदाज में इस बोर्ड का विरोध किया है। बाकी धामों और अन्य देवस्थलों के पुजारियों और हक-हकूकधारियों को तो इस फैसले का इंतजार है ही।