ब्यूरोक्रेसी

पानी का मनमाना बिल वसूल रहा उत्तराखंड जल संस्थान

गजबः बगैर ‘मीटर’ ही माप रहा पानी के ‘लीटर’

महीने में 22 हजार लीटर पानी बता रहा खर्च

संस्थान की इस कार्यशैली ने उपभोक्ता परेशान

देहरादून। उत्तराखंड जल संस्थान बड़े ही अजब-गजब अंदाज में काम कर रहा है। पानी उपभोक्ताओं के घरों में पेयजल लाइन पर कोई भी मीटर नहीं लगा है। लेकिन संस्थान पता नहीं कैसे माप रहा है कि घर में प्रतिमाह 22 हजार लीटर पानी खर्च हुआ है। इसी आधार पर लोगों को पानी के बिल भेजे जा रहे हैं।

लाखों उपभोक्ताओं ने जल संस्थान से पानी का पानी का कनेक्शन ले रखा है। संस्थान को इन घरेलू संयोजनों पर पानी का मीटर लगाना था। फिर मीटर की रीडिंग के आधार पर ही पानी का बिल तैयार होता है। संस्थान ने पानी का कनेक्शन तो दिया पर मीटर लगाने की सुध ही नहीं ली।

एक माह में 22 हजार लीटर पानी का खर्च बताता जल संस्थान का बिल

अब लोगों को पानी के बिल भेजे गए हैं। उपभोक्ताओं ने बिल देखा तो भौचक्के रह गए। संस्थान को मीटर न होने की वजह एकमुश्त राशि का बिल भेजना चाहिए था। लेकिन बिलों में लिखा गया है कि उपभोक्ता ने कितने लीटर पानी प्रतिमाह इस्तेमाल किया है। संस्थान ने अधिकांश उपभोक्ताओं को 22 हजार लीटर पानी प्रतिमाह इस्तेमाल करने का बिल दिया है। प्रति लीटर के हिसाब से ही बिल तैयार किया गया है। संस्थान की इस मनमानी से उपभोक्ता परेशान हैं।

सवाल यह है कि जब पानी कनेक्शन पर मीटर लगा ही नहीं है तो संस्थान को कैसे पता चल गया कि उपभोक्ता ने प्रतिमाह 22 हजार लीटर पानी खर्च किया है। इस मामले में प्रयास के बाद भी जल संस्थान के प्रबंध निदेशक या महाप्रबंधक से बात नहीं हो सकी।

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