एक्सक्लुसिव

कोरोनाःमुसीबत न बन जाए नौनिहालों की ये पढ़ाई

टीचर्स को घर-घर जाने का फरमान, मास्क की चिंता और न दूरी की

ऊधमसिंह नगर में प्राथमिक शिक्षा की ये नई व्यवस्था

कक्षा पांच तक के बच्चों की पढ़ाई को चिंतित अफसर

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। कोरोना महामारी के इस दौर में ऊधमसिंह नगर के सीईओ प्राथमिक शिक्षा ले रहे नौनिहालों को लेकर खासे चिंतित हैं। उन्होंने प्राथमिक शिक्षकों को आदेश दिया है कि घर-घर जाकर नौनिहालों को शिक्षा दी जाए। आलम यह है कि इस आदेश में न तो मास्क की चिंता की गई है और न ही एक-दूसरे से दूरी की। ऐसे में आशंका यह पैदा हो रही कि कहीं नौनिहालों की पढ़ाई की ये चिंता एक बड़ी मुसीबत न बन जाए।

ऊधमसिंह नगर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने 11 जून को एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ऑनलाइन पढ़ाई से प्राथमिक शिक्षा विभाग महज 25 फीसदी बच्चों तक ही पहुंच पा रहा है। ऐसे में शिक्षक साप्ताहिक वर्कशीट तैयार करें और उन्हें बच्चों तक पहुंचाए। सप्ताह में कम से कम एक बार हर कक्षा के और सभी विषयों के छात्रों तक पहुंचना जरूरी है। एक सप्ताह बाद पुरानी वर्कशीट लेकर नई दी जाए। बच्चों को यह भी बताया जाए कि पुरानी में क्या खामियां थी। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

इस आदेश के बाद जो तस्वीरें सामने आ रही है उससे इस बाद की आशंका पैदा हो रही है कि कहीं ये आदेश कोरोना के इस दौर में मुसीबत न बन जाए। तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि टीचर तो मास्क पहने हुए हैं। लेकिन पास में ही खड़े बच्चे बगैर मास्क के हैं। एक तस्वीर में तो बच्चे बगैर कपड़ों के ही शिक्षा ले रहे हैं। तस्वीर यह भी बता रही हैं कि दो गज की दूरी का भी पालन नहीं हो पा रहा है। एक अहम बात यह भी है कि तमाम शिक्षकों की ड्यूटी क्वारंटीन सेंटरों के साथ ही अन्य स्थानों पर भी है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार 12 साल से कम आयु के बच्चों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। प्राथमिक शिक्षा कक्षा पांच तक ही है। लिहाजा बच्चों की उम्र 12 साल से कम ही होगी। चंद बच्चे ही इसका अपवाद हो सकते हैं। ऐसे में क्या कोरोना संक्रमण ज्यादा फैलने की आशंका से इंकार कर सकते हैं शिक्षा विभाग के आला अफसर।

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