खेलः आउटसोर्स से संचालन को तीन करोड़ का करार

सितारगंज चीनी मिल के पास पर्य़ाप्त इंजीनियरिंग स्टाफ
फिर भी नोयडा की निजी कंपनी को दिया गया ठेका
आखिरकार अब क्या करेगा मिल का अपना स्टाफ
देहरादून। सितारगंज चीनी मिल में खेल की आशंका आखिरकार सच साबित हुई। उत्तराखंड शुगर्स ने नोयडा की एक निजी कंपनी को मिल के तकनीकी संचालन का ठेका तीन करोड़ रुपये में दे दिया है। ऐसे में सवाल यह खड़ा हो रहा है कि मिल का अपना इंजीनियरिंग स्टाफ का खाली बैठकर वेतन लेगा।
शुगर्स में एक दागी अफसर की मंत्री के आदेश पर तैनाती के बाद से ही आशंका जाहिर की जा रही थी कि इसके पीछे कोई बड़ा गेम है। अब पता चल रहा है कि सितारगंज चीनी मिल में तकनीकी संचालन का ठेका नोयडा की एक निजी कंपनी को दिया गया है। इस बारे में मिल के महाप्रबंधक को प्रबंध निदेशक उदयराज की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया गया है कि मिल में ऑफ सीजन रिपेयर और मेंटिनेंस का ठेका 1.45 करोड़ (18 फीसदी जीएसटी अतिरिक्त) और पेराई सत्र के दौरान ऑपरेशन और मेंटिनेंस का ठेका 1.50 करोड़ (18 फीसदी जीएसटी अतिरिक्त) में दिया गया है। लिहाजा मैसर्स इंटीग्रेटेड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड, नोयडा से यह काम कराकर भुगतान किया जाए।
अहम बात यह है कि सभी चीनी मिलों के पास अपना खुद का इंजीनियरिंग स्टाफ है। ये स्टाफ जरूरत के लिहाज से मेंटिनेंस और रिपेयरिंग का काम करता है। इसके लिए बकायदा एक सिस्टम बना हुआ है। अब सवाल यह उठ रहा है कि मिल के पास स्टाफ होने के बाद भी एक निजी कंपनी को ठेका क्यों दिया जा रहा है। निजी कंपनी को कैसे अंदाजा हो गया है कि ऑफ सीजन में 1.45 और पेराई सत्र में 1.58 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सूत्रों का कहना है कि यह सारा खेल दागी अफसर ने रचा है। इतना ही नहीं, जल्द ही रिटायर होने जा रहे एक आला अफसर की भी इसमें अहम भूमिका है। बताया जा रहा है कि ये आला अफसर सितारगंज क्षेत्र का ही रहने वाला है और इस कोशिश में है कि उसे किसी भी तरह से तीन माह का सेवा विस्तार जाए। ताकि इस खेल को अंजाम तक पहुंचा सके।
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