उत्तराखंड

प्रकृति की परीक्षा में भी सीएम धामी सफल

प्रकृति की परीक्षा में भी सीएम धामी सफल

विषम परिस्थितियों में भी मुख्यमंत्री पहुंचे ग्राउंड जीरो पर

अपने सियासी विरोधियों को दिखाया आईना

सतत निगरानी और गुड गवर्नेंस से बचाई हजारों लोगों की जान

देहरादून। आपदा की इस घड़ी में प्रकृति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कड़ी परीक्षा ली और सीएम धामी ने कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए इस परीक्षाओं को भी पास किया। परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत रही हो, हर बड़ी घटना में मुख्यमंत्री धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे। मुख्यमंत्री की सतत निगरानी और गुड गवर्नेंस का ही परिणाम रहा है कि आपदा में हजारों लोगों को सुरक्षित निकालकर सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सका है।

हाल में थराली की आपदा हो या धराली की। मुख्यमंत्री धामी ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। शुक्रवार देर रात चमोली जिले के थराली क्षेत्र में अतिवृष्टि से भारी तबाही की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट करते हुए राज्य कंट्रोल रूम पहुंचकर स्थिति की समीक्षा की। फिर रविवार को ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया और प्रभावितों का हाल जाना।

विगत पांच अगस्त को उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में भारी आपदा से भारी तबाही की सूचना आई तो सीएम धामी आंध्र प्रदेश का दौरा बीच में ही रद्द कर लौट आए। प्रभावित क्षेत्र में मौसम लगातार खराब बना हुआ था, इसके बावजूद अगले दिन यानी छह अगस्त को मुख्यमंत्री धामी ग्राउंड जीरो पर उतर गए। आपदाग्रस्त क्षेत्र का हवाई सर्वे कर मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित परिवारों का हाल जाना। राहत और बचाव कार्य में किसी भी प्रकार से देरी न हो, इसके लिए सीएम धामी ने दो दिनों तक मौके पर ही कैंप किया। वहीं से शासकीय फाइलों का निस्तारण करते हुए राहत और बचाव कार्यों की पूरी निगरानी की।

यह पहला मौका नहीं है, जब तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए सीएम धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंचे हों। वर्ष 2023 में उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल हादसे के दौरान भी मुख्यमंत्री धामी ने मातली में ही कैंप कर रेस्क्यू अभियान की निगरानी की। 12 नवंबर, 2023 को निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन होने से 41 मजदूर सुरंग में फंस गए थे। तब 17 दिनों तक चले कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 28 नवंबर को सभी मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया। तब भारत सरकार की ओर से इस अभियान में राज्य सरकार को हरसंभव मदद दी गई।

बीते वर्ष 31 जुलाई 2024 को केदारघाटी में बादल फटने और अतिवृष्टि से भारी तबाही मची थी। तब भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ग्राउंड जीरो पर पहुंच गए। उस दौरान हजारों तीर्थयात्री और स्थानीय नागरिक केदारनाथ पैदल मार्ग में फंस गए। रास्ते तहस नहस होने से उनका सुरक्षित निकलना मुश्किल हो गया था। तब सीएम धामी के दिशा निर्देशन में चले रेस्क्यू अभियान में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने 16 हजार से अधिक यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकालकर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया। यह भी बहुत कठिन अभियान था।

कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में आठ फरवरी 2024 को अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम और पुलिस प्रशासन की टीम पर उपद्रवियों ने हमला किया तो मुख्यमंत्री धामी ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर उपद्रवियों को कड़ा संदेश ही नहीं दिया बल्कि कड़ा सबक भी सिखाया। वीडियो फुटेज के आधार पर अराजक तत्वों की धरपकड़ की गई। अतिक्रमित भूमि को पूरी तरह खाली करा दिया गया। तब मुख्यमंत्री की कार्रवाई की सर्वत्र सराहना की गई।

जोशीमठ जिले में इसी वर्ष मार्च में हिमस्खलन की घटना में सेना और आईटीबीपी के जवानों ने 46 को सुरक्षित बचा लिया। तब भी मुख्यमंत्री धामी ने मौके का हवाई सर्वेक्षण कर ज्योतिर्मठ में राहत और बचाव अभियान की समीक्षा की।

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