उत्तराखंड

जौनसारी लोकगीत एवं नृत्य से विरासत महोत्सव में मौजूद दर्शकों ने किए उत्तराखंड के दर्शन

जौनसारी लोकगीत एवं नृत्य से विरासत महोत्सव में मौजूद दर्शकों ने किए उत्तराखंड के दर्शन

देहरादून।

विरासत सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड के जौनसारी लोकगीत एवं नृत्य के साथ प्रारंभ हुआ, कार्यक्रम को जौनसार बावर मेरो मुलुक लोक सांस्कृतिक एवं कला मंच द्वारा प्रस्तुत किया गया। समिति समूह में कुल 20 प्रतिभाशाली सदस्य (15 पुरुष और 5 महिला कलाकार) शामिल रहे। , जौनसार क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को प्रदर्शित करते हुए एक मनोरम लोक नृत्य प्रस्तुति प्रस्तुत किया गया जिसे विरासत में मौजूद सभी दर्शन मंत्रमुग्ध हो गए।

यह प्रस्तुति भगवान महासू को समर्पित एक भावपूर्ण आह्वान “महाशो वंदना” से शुरू हुआ और पारंपरिक लोकगीत “हरोल” के साथ एक जीवंत स्वर में समाप्त हुआ। उनकी प्रस्तुति में स्वर, लय और लोक वाद्यों का अद्भुत मिश्रण रहा जो समुदाय की गहरी सांस्कृतिक जड़ों को दर्शाता है।

कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में नीलम शॉ, अनुज खन्ना, अंशुल वर्मा, भज्जू राम, नितेश खन्ना, सचिन वर्मा, विशाल वर्मा, अनुज वर्मा, रितिक वर्मा, अंकित दयाल, चंदन भारती, रिशव दयाल, मुन्ना वर्मा, मोहन वर्मा, पूनम खन्ना, शिवानी वर्मा, मीना सिंह, निशा चौहान, विशाल धीमान और आर्यन वर्मा शामिल रहे वही वाद्य यंत्र में ढोल: चंदन वर्मा, दामो: आर्यन वर्मा, रणसिंघे: मुन्ना वर्मा, गायक: सचिन वर्मा, विशाल वर्मा, कीबोर्ड: अंकित दयाल, ढोलक: अनुज वर्मा, ऑक्टोपैड: विशाल धीमान और गिटार: रितिक वर्मा ने संगत किया। अपनी लयबद्ध ताल, भावपूर्ण धुन के प्रदर्शन से यह समूह जौनसार की संगीत विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देना जारी रखा।

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