पीठोरागढ़ के निजी स्कूलों द्वारा अभिभावनकों को निश्चित दुकानों से गणवेश मनमानी रेट पर लेने को बाध्य करने के सम्बन्ध में शिकायत
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा-3 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है। आयोग को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012, किशोर न्याय अधिनियम, 2015 तथा निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के उचित और प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करने का कार्य सौंपा गया है। सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत आयोग को देश में बाल अधिकारों और संबंधित मामलों के रक्षण और संरक्षण के लिए अधिदेशित किया गया है। इसके साथ ही आयोग को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत वह सभी शक्तियां प्राप्त हैं, जो सिविल प्रक्रियां संहिता 1908 के अधीन किसी वाद का विचारण करते समय सिविल न्यायालय को होती हैं।
2. आयोग कोईबीएन पर श्री विक्रांत पुनेरा से शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, निजी विद्यालयों द्वारा उनके गणवेश पर अपने लोगो लगाए जा रहे हैं, जिसके कारण वे निश्चित दुकानों पर ही उपलब्ध हैं। उन दुकानों द्वारा ये गणवेश मनमानी रेट पर बेचे जा रहे हैं, तथा निम्न क्वालिटी होने के कारण अभिभावकों को साल में 3-4 बार वही गणवेश खरीदने पड़ते हैं। शिकायत स्वमेव स्पष्ट है जिसका अवलोकन करने का कष्ट करें। (प्रति संलग्न है)
आयोग ने उपरोक्त प्रकरण का संज्ञान सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 (1) (j) के तहत लिया है।
उपरोक्त प्रकरण में बालक के हित में त्वरित जाँच एवं कार्यवाही कर, उसकी शिक्षा एवं शैक्षणिक वर्ष सुनिश्चित किए जाए, तथा आयोग को जांच आख्या (एटीआर) 10 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का कष्ट करें। जांच आख्या प्राप्त न होने की स्थिति में आयोग बाल अधिकार आयोग अधिनियम (सीपीसीआर एक्ट), 2005 की धारा 14 के तहत कार्यवाही करने को बाध्य है।