लोकपाल को मिलीं भ्रष्टाचार की 1467 शिकायतें

1444 मामलों पर लिया गया एक्शन, 23 शिकायतें लंबित
कोरोना काल में भी दर्ज कराईं 40 हैं शिकायतें
मार्च-2019 में हुआ केंद्रीय लोकपाल का गठन
देहरादून। लंबे इंतजार तथा विभिन्न आंदोलनों के बाद लोक सेवकों के भ्रष्टाचार की शिकायतों पर एक्शन के लिए देश में लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम-2013 देश में 16 जनवरी 2014 को लागू किया गया। लेकिन लोकपाल के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति मार्च 2019 में हो सकी। लोकपाल गठन के बाद 18 अगस्त 2020 तक लोकपाल को 1467 शिकायतें मिलीं हैं। इनमें से 1444 पर एक्शन किया गया है और 23 शिकायतें लंबित हैं। लम्बित हैै।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने भारत के लोकपाल तथा केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग से इस बारे में सूचना मांगी थी।
इसके जवाब में भारत के लोकपाल कार्यालय की ओर से बताया गया कि मार्च 2019 में लोकपाल की स्थापना के बाद से एक मार्च 2020 तक 1427 मामले दर्ज किए गए। सभी मामले लोकपाल बेचों द्वारा सुने जा चुके हैं। दो मार्च-2020 से 18अगस्त -2020 तक 40 शिकायतें लोकपाल शिकायत नियमावली 2020 के अनुसार निर्धारित प्रारूप में थी दर्ज की गईं। इनमें से 17 को अब तक खंडपपीठ ने सुना हैं। नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्तमान में भारत के लोकपाल का कार्यालय आइसीएडीआर बिल्डिंग, प्लाट नंबर-छह फेज- दो, इंस्टीटयूशनल एरिया, बसंत कुंज, नई दिल्ली-110070 के पते पर फरवरी 2020 से स्थित है। इससे पूर्व लोकपाल कार्यालय अस्थायी रूप से अशोक होटल, नई दिल्ली में कार्यरत था।
केंद्रीय कार्मिक विभाग, द्वारा उपलब्ध सूचना के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा अभी तक लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम की धारा 43 के तहत रिपोर्ट सरकार को पेश करने के नियम बनना अभी बाकी है। लोकपाल कार्यालय के अनुसार वर्ष 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट अभी बनने की प्रक्रिया में है। लोकपाल औैर लोकायुक्त अधिनियम 2013 के प्रावधान 16 जून 2014 को प्रभावी हो गए हैं। अधिनियम लागू होने ने पांच वर्ष से अधिक समय बाद मार्च 2019 में लोकपाल के अध्यक्ष एवं इसके आठ सदस्यों की नियुक्ति के साथ लोकपाल संस्थान की स्थापना हो गई थी। वर्तमान में लोकपाल के सदस्यों की संख्या छह है।