भाजपा के राष्ट्रीय फलक पर सितारे की तरह चमके सीएम धामी
देश के 10 राज्यों में की सौ से ज्यादा सभाएं और रोड शो
कुछ राज्यों में मांग बढ़ी तो फिर किया दौरा
देहरादून। लोकसभा चुनाव के एलान से पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रचार की बागडोर संभाल ली थी। उन्होंने 60 दिनों तक लगातार चुनाव प्रचार किया और इस दौरान राज्य और राज्य से बाहर 204 चुनावी कार्यक्रमों में शामिल हुए। देश के तमाम राज्यों में प्रत्याशियों की मांग पर सीएम धामी ने चुनावी सभाएं की और रोड शो में शामिल हुए।
यूपी, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, तेलंगाना समेत 10 राज्यों में उन्हें प्रचार के लिए बुलाया गया। तेलंगाना में एक बार प्रचार के बाद उन्हें दोबारा बुलाया गया। उनकी जनसभाओं में महिलाओं और युवाओं को भीड़ उमड़ी। जिन राज्यों में वे प्रचार के लिए गए, वहां उत्तराखंड प्रवासियों ने भी उनका जोरदार स्वागत किया।
संगठन सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के सबसे व्यस्त स्टार प्रचारकों में से एक साबित हुए। वे पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन, रोड शो, जनसभाएं इत्यादि कार्यक्रम शामिल रहे। पार्टी का मानना है कि समान नागरिक संहिता कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून, सख्त दंगा नियंत्रण कानून सरीखे बड़े फैसलों से सीएम धामी को लोकप्रियता का ग्राफ देशभर में बढ़ा है। खासतौर से उत्तराखंड में जिस तरह से धामी ने समान नागरिक संहिता को लागू किया। उसके बाद से लगातार उनके चर्चे देशभर में रहे।
भारतीय जनता पार्टी ने भी इन लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में समान नागरिक संहिता को देश में लागू करने को गारंटी के रूप में शामिल किया। यह एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला रहा जिसके चलते मुख्यमंत्री धामी की धमक पूरे देश में देखने को मिली। उत्तराखंड में भी विगत 60 दिनों में उन्होंने कुल मिलाकर 109 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया तो इसके साथ-साथ ही वे देश के तमाम राज्यों में भी बिना रुके-बिना थके चुनावी कार्यक्रमों को धार देते रहे।
भीषण वनाग्नि और चारधाम की चुनौती से भी पार पाया
मई की शुरुआत में जबउत्तराखंड के जंगल धधकने लगे तो धामी चुनावी व्यस्तताओं को छोड़ देहरादून लौटे और सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठकें कर जरूरी निर्देश जारी किए। इसी प्रकार से जब 10 मई से चारधामों के कपाट खुलने शुरू हुए तो अप्रत्याशित भीड़ धामों में उमड़ने लगी। सीएम धामी ने न केवल देहरादून लौटकर बैठकें की बल्कि स्थलीय निरीक्षण कर तंत्र को सक्रिय किया।