कानून न मानने वालों में शाह, सोनिया, राहुल समेत अधिकांश केंद्रीय मंत्री शामिल
प्रधानमंत्री मोदी ने किया है इस कानून का सम्मान
उत्तराखंड से निशंक और माला ने भी किया पालन
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी
न्यूज वेट ब्यूरो
देहरादून। लोकसभा में बैठकर देशभऱ के लिए कानून बनाने वालों को खुद ही कानून की परवाह नहीं है। आलम यह है कि लोकसभा के महज 36 सदस्यों ने ही कानून का सम्मान किया है। कानून की परवाह न करने वालों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही 503 लोस सदस्य शामिल हैं।
दरअसल, लोकसभा सदस्य (संपत्ति तथा दायित्वों की घोषणा) नियम-2004 के नियम 3 के अनुसार सदस्य को शपथ ग्रहण की तिथि से 90 दिन के भीतर अपने सम्पत्ति दायित्वों की सूचना लोकसभा सचिवालय को देने का नियम है। इसके तहत 17वीं लोस के सात को छोड़कर सभी सांसदों को 10 दिसंबर 2019 से पहले इस नियम का पालन करना था। काशीपुर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता और सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने इस बार में सूचना मांगी को चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। जानकारी से खुलासा हुआ कि निर्धारित तारीख तक महज 36 लोस सदस्यों ने ही इस कानून का पालन किया है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और माला राजलक्ष्मी भी शामिल हैं। नदीम को उपलब्ध कराई गई सूचना के संपत्ति की सूचना देने वाले सांसदों में से 25 भाजपा, आठ एआईटीसी तथा एक-एक सांसद बीजेडी, शिवसेना तथा एआईडीएमके के शामिल हैं।
नदीम को मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री मंडल के अधिकांश मंत्रियों सहित विभिन्न पार्टियों के प्रमुख नेताओं ने इस कानून का पालन नहीं किया है। इनमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और कांग्रेस के सांसद सांसद राहुल गांधी का नाम भी शामिल है।