वायरल अड्डा

कोरोनाः बस एक सप्ताह की सावधानी

सार्वजनिक वाहनों और स्थलों पर बगैर सावधानी के ही घूम रहे लोग

सरकार को एडवाइजरी से आगे भी करना होगा काम

पीएम ने आपदा फंड खर्च करने की दे रखी है मंजूरी

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। कोरोना से खौफ में आने की बजाय महज एक सप्ताह की सावधानी बरतने से ही हम लोग आधी से ज्यादा जंग जीत जाएंगे। हां, इसके लिए सरकार को भी महज एडवाइजरी जारी करने के साथ ही जमीन पर भी काम करने की जरूरत है। तमाम एडवाइजरी के बाद भी सार्वजिनक स्थलों और वाहनों में लोग बगैर मास्क और सैनेटाइजर के ही घूम रहे हैं।

कहा जा रहा है कि कोरोना के फैलने का अगला चरण सामूहिक इंफेक्शन का बताया जा रहा है। इस पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से तमाम एडवाइजरी जारी की जा रही हैं। स्कूल, कालेज और सरकारी दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। लोगों को अधिकांश समय घर पर ही बिताने की सलाह दी जा रही है। सवाल यह है कि क्या निजी संस्थाओं, औद्योगिक इकाइयों और बैंक आदि में काम करने वालों को इस संक्रमण का खतरा नहीं है। सरकारी सिस्टम को इस पर भी सोचना होगा।

एक अहम बात यह है कि सरकार की एडवाइजरी का सड़कों पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। सड़कों, सार्वजनिक स्थलों और सार्वजिनक वाहनों में लोग बगैर किसी मास्क या फिर सैनेटाइजर से ही घूम रहे हैं। अहम बात यह भी है कि इनमें से अधिकांश वो हैं, जिनके पास मास्क या सैनेटाइजर खरीदने के पैसे नहीं है। वैसे भी एक मास्क अधिकतम छह घंटे तक ही काम करता है। ऐसे में यह भी जरूरी है कि सरकार के स्तर पर इन चीजों का इंतजाम किया जाए। अगर इसके बाद भी कोई इनका इस्तेमाल नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए।

सामाजिक संस्था माकाक्स के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने इस बारे में सरकार को एक खत भेजा है। इसमें कहा गया है कि एक तो बाजार में माक्स और सैनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं। जो हैं भी उनकी गुणवत्ता ठीक नहीं हैं और खासी ज्यादा कीमत पर बिक्री की जा रही है। ऐसे में सरकार को अपने स्तर से ही इनका वितरण तत्काल शुरू करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस कोरोना से निपटने के लिए आपदा राशि खर्च करने की मंजूरी दी है। ऐसे में सरकार के पास इस मद में पैसे की भी कोई कमी नहीं है।

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