वायरल अड्डा

हालत बिगड़ते देख त्रिवेंद्र खुद मैदान में

अब तक कोई मंत्री या अधिकारी नहीं निकला था बाहर

तमाम इंतजामात पुख्ता होने की किया जा रहा है दावा

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। सूबे में कोरोना के हालात बिगड़ते देख अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुद ही मैदान में उतर गए हैं। अब सीएम बाहर निकले तो अफसरान भी अपना दफ्तर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। सीएम त्रिवेंद्र अब तक तीन जनपदों में कोराना से लड़ाई के लिए की गई तैयारियों का मौके पर जायजा ले चुके हैं। सरकारी मशीनरी का दावा है कि किसी भी हालात से निपटने के पुख्ता इंतजामात कर लिए गए हैं।

CM TRIVENDR
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

सीएम त्रिवेंद्र सिंह पहले ही आशंका जता चुके थे कि प्रवासियों के उत्तराखंड में वापसी के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। उन्होंने आशंका जताई थी कि यह आंकड़ा 25 हजार तक जा सकता है। पिछले चार रोज में उत्तराखंड में बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या इस बात का इशारा कर रही है कि सीएम की आशंका सही थी।

अहम बात यह भी है कि सीएम की आशंका के बाद भी सूबे की अफसरशाही नहीं चेती। स्वास्थ्य महकमे के अफसर अपने दफ्तरों में बैठकर ही निर्देश जारी करते रहे। ऐसे में स्वास्थ्य महकमा भी संभाल रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने खुद भी मैदान में उतरने का फैसला किया। रविवार को उन्होंने पौड़ी में जाकर हालात समझे और सोमवार को नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जनपदों में मौके की नजाकत को समझा।

अब सीएम खुद फील्ड में हैं तो मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के साथ अभी हाल में ही स्वास्थ्य महकमे में बतौर सचिव काम संभालने वाले आईएएस अफसर अमित नेगी भी अपने दफ्तर छोड़ दिए हैं। सीएम की समीक्षा के दौरान ही स्थानीय जरूरतों के लिहाज से नए निर्देश दिए जा रहे हैं और तमाम व्यवस्थाओं को फिर से परखा जा रहा है। अफसरों की दावा है कि राज्य में किसी भी हालात से निपटने के लिए पुख्ता इंतजामात कर लिए गए हैं।

गायब हैं सभी जिलों के प्रभारी मंत्री

महामारी के इस दौर में जिलों के प्रभारी मंत्री अभी तक सक्रिय नहीं हुए हैं। अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है कि किसी भी प्रभारी मंत्री ने जिले में जाकर या फिर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हालात समझने की कोशिश भी की है। इस बारे में मुख्यमंत्री पहले से ही प्रभारी मंत्रियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलों के अफसरों से संपर्क में रहने का निर्देश दे चुके हैं। लेकिन प्रभारी मंत्रियों ने अपने जिले को वहां के डीएम के रहमो-करम पर ही छोड़ दिया है।

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