राजनीति

क्या नई भाजपा भी बदलेगी अपना फैसला ?

पुरानी भाजपा ने सवा छह साल के कार्यकाल में पांच बार बदले हैं मुख्यमंत्री

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। राज्य गठन के बाद से ही मुख्यमंत्रियों को बदलने का शुरू हुआ सिलसिला अब तक जारी है। अहम बात यह है कि कांग्रेस ने अपने 10 साल के शासन में तीन मुख्यमंत्री दिए तो पुरानी भाजपा के समय में सवा छह साल में पांच बाद मुख्यमंत्री बदले गए। एक बार फिर से मुख्यमंत्री को बदलने की बातें सियासी फिजा में तैर रही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या नई भाजपा भी पुरानी परंपरा पर ही चलेगी।

उत्तराखंड गठन के बाद से कांग्रेस और भाजपा बारी-बारी से सत्ता पर काबिज रही हैं। राज्य गठन के बाद भाजपा ने अंतरिम सरकार बनाई। ये सरकार सवा साल रही। इस दौरान पहले नित्यानंद स्वामी सीएम बनाया। मगर एक साल में ही उन्हें हटाकर भगत सिंह कोश्यारी की ताजपोशी कर दी। इसके बाद भाजपा को 2007 के विस चुनाव में सत्ता मिली। भाजपा ने पहले भुवन चंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बनाया। दो साल में ही हटाकर रमेश पोखरियाल निशंक को ताज पहना दिया। लेकिन 2012 के चुनाव से पहले ही निशंक को हटाकर एक बार फिर से खंडूड़ी की ताजपोशी कर दी। इस तरह अंतरिम और दूसरी निर्वाचित सरकार के कुल सवा छह साल के कार्यकाल में भाजपा ने पांच बार मुख्यमंत्री बदले।
2017 में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम बनाया गया। यूं तो उनकी ताजपोशी के बाद से ही अंदरखाने उनका विरोध किया गया। लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अधिपत्य वाली इस नई भाजपा में 2001 और 2007 जैसा विरोध करने का साहस कोई भी नहीं कर पाया। अब पिछले कुछ दिनों से सीएम को बदलने की चर्चाएं खासी तेज हो रही हैं। अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि क्या ये नई भाजपा भी उसी तरह से अपने फैसलों को बदलेगी, जैसे कि पुरानी भाजपा में मुख्यमंत्रियों की ताजपोशी और हटाने के फैसले किए गए। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कई राज्यों में चुनाव हारने के बाद नई भाजपा के कर्णधार ये समीक्षा कर रहे हैं कि क्या कहीं नेतृत्व में बदलाव की जरूरत है। सीएम के हटने का दम भरने वाले कह रहे हैं कि भाजपा अपनी राज्य सरकारों को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है। वहीं नई भाजपा के पक्षधर लोगों का मानना है कि मोदी और शाह की जोड़ी अपने फैसले बदलती नहीं है। इसके समर्थन में हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर और महाराष्ट्र के सीएम रहे देवेंद्र फणनवीस का उदाहरण दिया जाता है।

बहरहाल, सीएम बदलने के बारे में भाजपा हाईकमान क्या फैसला करता है, ये तो आने वाले समय में ही सामने आएगा। फिलहाल तो चर्चाओं और कयासों का दौर जारी है।

कांग्रेस ने 10 साल में दिखाए तीन सीएम

मुख्यमंत्री बदलने के मामले में कांग्रेस का इतिहास भाजपा के मुकाबले बेहतर है। 2002 में कांग्रेस ने एनडी तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया। एनडी ने तमाम सियासी झंझावातों के बीच ही सही पांच साल पूरे किए। 2012 में सत्ता मिलने पर कांग्रेस ने विजय बहुगुणा की ताजपोशी की। लेकिन बाद में उन्हें हटाकर हरीश रावत को सीएम बनाया गया।

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