तस्वीर का सच

तो मंत्री जी पर क्यों न हो एफआईआर

परिवार के सदस्य और भक्त साथ किसकी दम पर घूमते रहे पहाड़

घर क्वारंटीन होने के बाद भी गए कैबिनेट बैठक में

लॉकडाउन में किए गए कालीमठ के दर्शन

पहाड़ पर पोखरा में भी घूमता रहा ये दल

न्यूज वेट ब्यूरो

देहरादून। अपर मुख्य सचिव एक पास जारी करने के मामले में आरोपों के घेरे में हैं तो एक काबीना मंत्री सतपाल महाराज से ने बगैर पास के ही अपने भक्तों और परिजनों को पहाड़ की सैर करवा दी। मामला यहीं तक नहीं हैं, सैर करने वालों में में मंत्री जी समेत अधिकांश कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। खुद मंत्री तो कैबिनेट की बैठक में शामिल होकर अफसरों और मंत्रियों को इस संकट में डाल चुके हैं। अब सवाल यह है कि क्या मंत्री और उनके परिजनों के खिलाफ इस मामले में कोई एफआईआर होगी।

काबीना मंत्री और उनके परिजनों के साथ ही कई अन्य कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली से मंत्री की पत्नी और पूर्व मंत्री अमृता रावत और परिजन समेत तमाम भक्त कैसे उत्तराखंड में घुस गए। इतना ही नहीं बताया तो यहां तक जा रहा है कि इन लोगों ने रुदप्रयाग जिले में कालीमठ के दर्शन किए और वहां से पोखरी भी गए। बाद में देहरादून आए और जांच हुई तो कई कोरोना संक्रमित मिले। महाराज के घर में ही इन सभी दो 25 मई को क्वारंटीन कर दिया गया। इसके बाद मंत्री जी 29 मई को हुई कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। अब मंत्री खुद भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

ऐसे में प्रशासन और खुद मंत्री जी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहली बात यह है कि दिल्ली से आए लोग कालीमठ तक कैसे पहुंचे। क्या ये मामला अमनमणि की बदरीनाथ यात्रा जैसा नहीं है। किसी ने इन्हें रास्ते में रोका क्यों नहीं। उससे भी बड़ा सवाल यह है कि अगर काबीना मंत्री खुद ही कानून और नियमों का पालन नहीं करेगा तो किसी और से क्या उम्मीद की जा सकती है।

अब मंत्री के भी कोरोना संक्रमित होने के बाद कैबिनेट में शामिल मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों समेत तमाम अधिकारियों पर भी क्वारंटीन होने की नौबत आ गई है। ऐसे में क्या मंत्री सतपाल महाराज और उनके परिजनों के साथ ही कथित भक्तों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा अफसरों को दर्ज नहीं करना चाहिए।

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