एक्सक्लुसिव

लॉकडाउन-चारः अब गरीबों को नहीं लगेगी भूख

भाजपा ने पहले दिन ही बंद की बहु प्रचारित मोदी किचन योजना

कांग्रेस ने इंदिरा अम्मा भोजनालय पर डाला ताला

इन सियासी दलों की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल

न्य़ूज वेट ब्यूरो

देहरादून। ऐसा लग रहा है कि केंद्र ने जैसे ही लॉकडाउन-चार का एलान किया। वैसे ही गरीबों को भूख लगना भी बंद हो गया है। ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि सियासी दलों की कार्यशैली इस बात का इशारा कर रही है। लॉकडाउन-चार शुरू होते ही भाजपा ने मोदी किचन और कांग्रेस ने इंदिरा अम्मा भोजनालय पर ताला डाल दिया है।

मार्च के तीसरे सप्ताह में पहले लॉकडाउन के शुरू होते ही सियासी दलों के नेताओं में गरीबों के प्रति मोह जाग गया। सत्तारूढ़ भाजपा ने प्रधानमंत्री के नाम पर मोदी किचन शुरू हुआ। प्रदेशभर से इस तरह की खबरें आने लगी कि भाजपा मोदी किचन के माध्यम से रोजाना हजारों गरीबों और अन्य जरूरतमंदों की खाना खिला रही है। इस योजना का भाजपा की ओर से जमकर प्रचार किया गया।

इसे देखकर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इंदिरा अम्मा भोजनालय शुरू किया। इन्होंने ने भी गरीबों की खाना खिलाने की खूब तसवीरों को वायरल किया। हां, कांग्रेस का यह खाना खिलाओ अभियान सत्तारूढ़ भाजपा की तुलना में काफी हल्का रहा।

लॉकडाउन-एक, दो और तीन तक मोदी किचन और इंदिरा अम्मा भोजनालय चलाए जाते रहे। अब केंद्र सरकार ने लॉकडाउन-चार का एलान किया है। इसकी घोषणा होते ही भाजपा ने अपने मोदी किचन को बंद कर दिया। इस बारे में प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी अजेंद्र अजय ने कहा कि मोदी किचन अब आगे नहीं चलाया जाएगा। भाजपा पर अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों पर फोकस करेगी। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी पका भोजन देने की योजना बंद होने की बात स्वीकारी।

अब सवाल यह खड़ा हो रहा कि क्या लॉकडाउन-चार के शुरू होते ही गरीबों की भूख शांत हो गई है या फिर सरकार से इस तरह के पुख्ता इंतजामात कर दिए हैं कि कोई गरीब भूखा न सो सके। सवाल यह भी है कि मजदूरी वाले अधिकांश काम इस समय बंद ही हैं, फिर वो लोग कैसे खाना खा रहे होंगे, जिनका पेट अभी तक मोदी किचन या इंदिरा अम्मा भोजनालय से ही भर रहा था।

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